नही करायी जा रही ओवरहैड टैकों की सफाई
जौनपुर। जल निगम लोगों को गंदा पानी पिला रहा है। गांव व शहर में वाटर सप्लाई के लिए बने अधिकांश ओवरहेड टैंक सफाई के लिए तरस रहे हैं। कोई टैंक महीनों तो कोई सालों से अपनी सफाई की बाट जोह रहा है। कागजों पर भले ही टंकियों की सफाई की जा रही हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शुद्ध पानी मुहैया कराने को लेकर बरती जा रही लापरवाही की वजह से ग्रामीण समेत नगरीय क्षेत्रों में लोग जलजनित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बावजूद इसके अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। गांव से लेकर नगर तक 87 ओवर हेड टैंक बनाए गए हैं। इनमें 35 ओएचटी टैंक की साफ-सफाई व देख-रेख का जिम्मा ग्राम पंचायतों को सौंपा गया है। आमतौर पर प्रत्येक वर्ष पानी की टंकियों की सफाई का निर्देश दिया गया है, लेकिन ऐसा किया नहीं जा रहा है। ओएचटी की साफ-सफाई का जिम्मा ग्राम पंचायतों को सौंपने के बाद स्थिति और खराब हो गई है। जल निगम अधिकारी गांवों में बनाए गए ओचएटी का हाल जानने कभी पहुंचते ही नहीं है। प्रधान पानी की टंकियों की साफ-सफाई को लेकर पहले ही हाथ खड़े कर चुके हैं। प्रधानों का कहना है कि टंकियों की साफ-सफाई के लिए पैसा नहीं मिलता। ऐसे में यह कार्य कराना संभव नहीं है। हां कुछ स्थानों पर कागजों पर कोरमपूर्ति जरूर की जा रही है। नगर में कुल आठ पानी की टंकिया हैं। इनमें से महज छह का ही उपयोग होता है। उर्दू बाजार में लीकेज व हुसैनाबाद में जर्जर होने की वजह से टंकी का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इनकी सफाई का जिम्मा जलकल के पास है। पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अनिवार्य रूप से ब्ली¨चग पाउडर से इसकी सफाई की जाती है। पानी टंकियों की सफाई को लेकर ग्राम पंचायतों समेत अधिकारियों के स्तर तक बरती जा रही लापरवाही आम लोगों पर भारी पड़ सकती है ।
नही करायी जा रही ओवरहैड टैकों की सफाई